विधानसभा में शुक्रवार यानी 28 फरवरी को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश की, जो दिल्ली के हेल्थ सेक्टर से जुड़ी थी। रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट में साफ तौर पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि 11 साल के शासन में सिर्फ तीन अस्पतालों का निर्माण या उनका विस्तार हुआ है, जबकि अस्पतालों की स्थिति में सुधार की कोई ठोस योजना नहीं दिखाई देती।
इन अस्पतालों में अतिरिक्त खर्च
बीजेपी विधायक ने इंदिरा गांधी अस्पताल का उदाहरण देते हुए बताया कि इस अस्पताल के निर्माण में पांच साल की देरी हुई और इसके लिए 314 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया। इसके साथ ही बुराड़ी अस्पताल की निर्माण प्रक्रिया में भी देरी हुई, जिससे कुल 382 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च हुआ। खुराना ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार से जो फंड मिला, उसका उपयोग सही तरीके से नहीं किया गया।
केंद्र के फंड का नकारा इस्तेमाल - बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा
बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "केंद्र सरकार ने हेल्थकेयर सुविधाओं के लिए जो फंड दिया, उसका दिल्ली सरकार ने सही उपयोग नहीं किया।" उन्होंने कहा कि डीडीए ने जो जगह हेल्थ सर्विसेस के लिए आवंटित की थी, उसका भी इस्तेमाल नहीं किया गया। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवाइयां लीं, जो अन्य प्रदेशों में प्रतिबंधित थीं।
अस्पतालों में टीबी और रेबिज दवाओं की कमी
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि कई अस्पतालों में टीबी की दवाई और रेबिज के इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का स्टॉक रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं है और केवल बजट की बंदरबांट की जा रही है। "दिल्ली की सरकार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ का दावा अब पूरी तरह झूठा साबित हो चुका है," उन्होंने कहा। बीजेपी विधायक ने चाचा नेहरू अस्पताल का उदाहरण देते हुए कहा कि इस अस्पताल में ना तो पर्याप्त फैकल्टी है, ना डॉक्टर हैं और ना ही दवाई उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि जेजे क्लस्टर के अस्पताल में महिलाओं को मैटरनिटी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है और मैटरनिटी विभाग भी बंद पड़ा है।
घोषणाएं जमीन पर नहीं, केवल विज्ञापन में
बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कई स्वास्थ्य सुविधाओं की घोषणा की थी, लेकिन इन घोषणाओं का जमीन पर कोई असर नहीं पड़ा। इन घोषणाओं के बड़े विज्ञापन जरूर दिखाए गए, लेकिन उन सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का कोई पता नहीं चला। "2018 में सुविधाएं शुरू हुईं और 2020 में खत्म हो गईं, लेकिन यह सिर्फ विज्ञापन में ही नजर आया," बीजेपी विधायक ने कहा। बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि कैग की अगली रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक का मुद्दा उठेगा और वर्ल्ड क्लास हेल्थ घोटाले का पर्दाफाश होगा। "इससे साफ होगा कि किस तरह ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को पैसा दिया गया, किकबैक लिया गया और नकली दवाइयां वितरित की गईं," उन्होंने आरोप लगाए।