जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के मधुबनी पहुँचे। गुरुवार (24 अप्रैल 2025) को अपने भाषण में उन्होंने पहली बार हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी भाषण देकर एक वैश्विक संदेश दिया। उनका लहजा साफ था- अब आतंक के खिलाफ भारत चुप नहीं बैठेगा।
PM मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया को बता रहा हूँ कि भारत हर आतंकी को खोज निकालेगा और उसे सजा देगा। भारत की आत्मा को कोई नहीं झुका सकता।" उन्होंने अंग्रेजी में कहा- "From the soil of Bihar, I am telling the whole world– India will identify and punish every terrorist. India’s spirit will never break."
पीएम ने आगे जोड़ा, "Terrorism will not go unpunished. Every effort will be made to ensure justice is done. The entire nation is united in this resolve. Those who believe in humanity stand with us."
(टेररिज्म विल नॉट गो अनपनिश्ड। एवरी एफर्ट विल बी मेड टू एंश्योर दैट जस्टिस विल डन। एंटायर नेशन इज फर्म इन दिस रिजॉल्व। एवरीवन हू बिलिव्स इन ह्यूमैनिटी इस विद अस। आई थैंक दी पीपल ऑफ वेरियस कंटरीज एंड देयर लीडर्स, हू हैव स्टुड विद अस इन दीज़ टाइम्स।)
'दुनिया को चेतावनी, आतंक की भाषा नहीं चलेगी'
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने दो टूक कहा – "इन दरिंदों और उनके सरपरस्तों को ऐसा दंड मिलेगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।"
क्यों दिया प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी में भाषण?
यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी ने किसी जनसभा में अंग्रेजी का इस्तेमाल किया। इसके पीछे का स्पष्ट उद्देश्य था – वैश्विक मंच पर भारत की आवाज़ को प्रभावी ढंग से रखना। उनका संदेश सिर्फ देशवासियों के लिए नहीं, बल्कि उन तमाम देशों के लिए भी था जो भारत के साथ खड़े हैं – अमेरिका, यूरोपीय संघ, इजरायल, रूस और चीन जैसे शक्तिशाली राष्ट्र।
भारत अब चुप नहीं बैठेगा
मोदी के भाषण से यह साफ संकेत गया है कि भारत अब "एक्शन मोड" में है। वह आतंकवाद को सीमाओं से परे जाकर कुचलने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री का कड़ा लहजा यह बताता है कि आने वाले समय में आतंकियों और उनके संरक्षकों के लिए भारत और भी कठोर नीति अपना सकता है।