तेलंगाना के जिन्नाराम मंडल से एक बार फिर इस्लाम के नाम पर उन्माद फैलाने वाली घटना सामने आयी है। मंगलवार (22 अप्रैल 2025) शाम को कुछ मदरसा के छात्रों ने शिव मंदिर के बाहर रखी भगवान शिव की प्रतिमा को खंडित कर दिया। यह घटना न केवल हिंदू भावनाओं पर चोट है, बल्कि कानून और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ भी सीधा हमला है।
घटना के तुरंत बाद जब ग्रामीणों ने छात्रों से सवाल पूछे, तो वे भागकर पास के ही मदरसे में जाकर छिप गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रतिवाद जताते हुए मदरसे के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका साफ कहना था- जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक विरोध नहीं रुकेगा।
"आतंकी सोच की शिक्षा दे रहे हैं मदरसे"
आक्रोशित ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं यह सिद्ध करती हैं कि कुछ मदरसे बच्चों को मजहबी कट्टरता और उन्माद की शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मूर्ति तोड़ने वाले छात्रों को न केवल गिरफ्तार किया जाए, बल्कि उस मदरसे को भी बंद किया जाए जो इस सोच को पाल रहा है।
लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए DSP रविंद्र रेड्डी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।