सुप्रीम कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मामले में चर्चा करते हुए मस्जिद परिसर में मौजूद पानी की टंकी की सफाई को लेकर बड़ा फैसला दिया है। इस निर्णय के बाद टंकी की सफाई का कार्य वाराणसी के जिला कलेक्टर के नेतृत्व में किया जाएगा।
गौरतलब है कि इसी टंकी (वुजुखाने) में हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है, वहीं टंकी में मछलियों की मौत के बाद हिंदू पक्ष ने शिवलिंग का दावा किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था।
फैसले में राहत और सामंजस्य
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के परिणामस्वरूप हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है। विवादित टंकी की सफाई के माध्यम से आदिवासी जनजातियों के सांस्कृतिक आदर्शों को सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए कदमों का भी इस फैसले में सम्मान किया गया है।
वुजुखाने का इतिहास
मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादित स्थल पर सर्वे करने की मंजूरी दी थी, जिसमें शिवलिंग के दावे की सच्चाई सामने आई थी। इसके बाद हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने के दावे को मजबूत किया और सुप्रीम कोर्ट ने टंकी से जुड़े सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए आज फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सीलबंद एरिया को खोलने की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद एरिया को खोलने की मंजूरी दी है, जिसके बंद होने से सालों से हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों को आई थी तकलीफ। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने सफाई के लिए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि सील एरिया में मछलियां मर गईं हैं, जिसके कारण अनहाइजीनिक स्थिति बनी हुई है
हिंदू पक्ष का दावा: शिवलिंग है, फाउंटेन नहीं
हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि इस एरिया में मिले गए शिवलिंग की मान्यता है और यह एक फाउंटेन नहीं है, इसलिए वहां की सफाई आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने सील एरिया की सफाई को लेकर अपना आदेश जारी किया है, जिसपर मुस्लिम पक्ष ने खुद सहमति जताई है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने 3 जनवरी को ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने सील एरिया की सफाई की मांग की थी। अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने पर मामला सुलझ सकता है।