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राष्ट्रीय हैंडलूम एक्सपो में भारत के 12 राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का भव्य प्रदर्शन, पूर्वोत्तर की विशेष कला को मिली वैश्विक पहचान

नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय हैंडलूम एक्सपो, शिल्पकारों की सृजनशीलता और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम, महिलाओं और उद्यमियों को मिले नए अवसर।

Ravi Rohan
  • Feb 7 2025 7:16PM

नई दिल्ली के जनपथ पर स्थित नेशनल सेंटर फॉर हेरिटेज टेक्सटाइल (हैंडलूम हाट) में 6 फरवरी से 19 फरवरी तक राष्ट्रीय हैंडलूम एक्सपो (गांधी बुनकर मेला) का आयोजन किया गया है। इस एक्सपो में भारतीय हस्तकला और हथकरघा की समृद्ध परंपराओं का भव्य प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की आंचलिक हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद मुख्य आकर्षण बने हुए हैं।

नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की पहल

यह आयोजन नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया गया है। इसे केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त के सहयोग से राष्ट्रीय हैंडलूम विकास कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया है। प्रदर्शनी में 80 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से कई स्टॉल पूर्वोत्तर सहित भारत के 12 राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारतीय शिल्पकारों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना और उनके उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रसार करना है।

प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर की विशेषताएँ

प्रदर्शनी में मेघालय, मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, सिक्किम सहित देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और आंध्र प्रदेश से आए कारीगरों ने अपनी कृतियों का प्रदर्शन किया है।

महिलाओं और स्थानीय उद्यमियों के लिए सशक्तिकरण

प्रदर्शनी में महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए ऑर्गेनिक उत्पाद, पापड़, अचार और हस्तशिल्प के सुंदर उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया है। यह प्रदर्शनी महिलाओं और छोटे उद्यमियों के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को बड़े मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला है।

उद्घाटन समारोह और मुख्य अतिथि का संदेश

प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के हथकरघा के विकास आयुक्त डॉ. एम. बीणा, नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष प्रसीली पिएन्यु और प्रबंध निदेशक इंजीनियर वाई. लिपोंगसे थोंगत्सर समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
डॉ. एम. बीणा ने अपने संबोधन में कहा, “भारतीय हस्तकला और हथकरघा उद्योग हमारी सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है। पूर्वोत्तर भारत की कला ने इसे और समृद्ध किया है। यह उद्योग लाखों शिल्पियों के जीवन का आधार है और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

प्रदर्शनी का आकर्षण और कारीगरों का उत्साह

प्रदर्शनी में झूले और पारंपरिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जो बच्चों और परिवारों के लिए विशेष आकर्षण बने हुए हैं। कारीगरों ने अपनी कृतियों को प्रदर्शित करते हुए भारतीय हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम्स उद्योग के गौरव को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि डॉ. एम. बीणा ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कारीगरों से संवाद किया, जिससे कारीगरों का उत्साह और बढ़ा।

यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग के अद्वितीय संगम को प्रदर्शित करती है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देती है।


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