उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, दसौली गांव के सरकारी स्कूल की दीवारों पर अश्लील शब्द लिखने का विरोध करने पर प्राथमिक स्कूल की छात्राओं की पिटाई का आरोप प्रिंसिपल मोहम्मद गयासुद्दीन पर लगा है. बताया जा रहा है कि गुरुवार को इस इसके विरोध में अभिभावकों और हिंदू संगठन के लोगों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया.
जानकारी के अनुसार, आरोप लगाया कि स्कूल की दीवारों पर अभद्र बातें मुस्लिम लड़कों के छात्रों ने लिखीं. जब प्राथमिक की छात्राओं ने इसका विरोध किया तो प्रिंसिपल मोहम्मद गयासुद्दीन ने उनकी पिटाई कर दी. बता दें कि इस घटना के बाद हंगामे के बीच पुलिस और एबीएसए भी पहुंचे. अभिभावकों को समझाया गया. इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि अभी शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
वहीं, छात्राओं और अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय में मुस्लिम लड़कों ने स्कूल की दीवार पर अश्लील चित्र व शब्दों लिख दिए. प्राथमिक की छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने प्रधानाध्यापक मोहम्मद गयासुद्दीन से की. प्रधानाध्यापक ने अश्लील चित्रों व शब्दों को मिटा दिया, लेकिन दूसरे दिन छात्रों ने दोबारा वही किया. वहीं, आरोप है कि शिकायत करने वाली छात्राओं की प्रिंसिपल मोहम्मद गयासुद्दीन ने पिटाई कर दी. इसके साथ ही उनसे अभद्रता करते हुए आपत्तिजनक सवाल पूछे.
इस पूरे घटना की जानकारी मिलते ही गुरुवार को कई संगठनों के लोग और अभिभावकों ने स्कूल पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया. मामले की जानकारी पर एबीएसए गौरव मिश्रा, स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई. करीब पांच घंटे चले हंगामे के दौरान लोगों ने आरोपी प्रधानाध्यापक मोहम्मद गयासुद्दीन पर मुस्लिम लड़कों के छात्रों का पक्ष लेने के आरोप लगाया. सवाल उठाया कि छात्राओं की पिटाई स्कूल में क्यों की गई, जबकि उन्होंने वाजिब शिकायत की थी. अफसरों व पुलिस के समझाने पर लोग शांत हुए. वहीं हिंदूवादी संगठनों ने कठोर कार्रवाई की मांग की है. कहा है कि इस मामले को शासन तक ले जाएंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी प्रधानाध्यापक मोहम्मद गयासुद्दीन अपने व्यवहार के लिए पूर्व में निलंबित हो चुका है. बहाल होने के बाद विभागीय अधिकारियों ने इसका स्कूल बदल दिया था. वहीं, हंगामे के बाद सक्रिय हुई स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. उसने छात्राओं, अभिभावकों और प्राथमिक विद्यालय के प्राधानाध्यापक से पूछताछ की है.