बिहार में बेरोज़गारी और सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर छात्रों का गुस्सा भड़का हुआ है। पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार और बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की नीतियों पर तीखा हमला किया।
उन्होंने कहा कि BPSC द्वारा की जा रही नाइंसाफी से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है और मुख्यमंत्री को इन छात्रों की मांगों को गंभीरता से सुनने की जरूरत है। राहुल गांधी ने यहां संविधान से लेकर जातिगत जनगणना पर हुंकार भरी।
BPSC और सरकार पर आरोप
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि बिहार में डबल इंजन वाली सरकार है, लेकिन यह इंजन फेल हो चुका है। इस फेल इंजन से बिहार के मेहनती और गरीब छात्रों के सपनों को कुचला जा रहा है।" उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के तंत्र की ओर से छात्रों पर लाठी डंडे की चोटें दी जा रही हैं, जबकि सरकार को इनकी समस्याओं को हल करना चाहिए।
छात्रों ने आरोप लगाया कि BPSC की सभी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और धांधली की घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने कहा, "BPSC की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं होना चाहिए, बल्कि इस दागदार परीक्षा को रद्द कर दिया जाना चाहिए और ईमानदारी से पुनः परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए।"
मुख्यमंत्री से अपील
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं कि वह इन छात्रों के खिलाफ लाठी चार्ज करवाने के बजाय उनसे मिलकर उनकी मांगों को गंभीरता से सुनें और जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाएं।" उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी परीक्षा में पेपर लीक या धांधली होती है, तो दूर-दराज के गांवों से आकर छात्रों के छोटे-छोटे कमरों में मेहनत करने वाले लाखों गरीब छात्रों का सपना टूट जाता है, और उनके साथ अन्याय होता है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा, "आज के एकलव्य का अंगूठा काटकर, उन पर अन्याय नहीं किया जा सकता। यह लड़ाई केवल परीक्षा की नहीं, बल्कि छात्रों के हक की है।" प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता, और वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।