महाराष्ट्र की सड़कों पर जिहादी झुंड का मजहबी नारों का शोर गूंजा है। दुकानों का शटर गिरा कर बाजार बंद कर दिए गए। यहाँ व्यापारियों से लेकर आम लोग तक डरे हुए हैं इन उपद्रवी जिहादी झुंड को देखकर। एक खोखले आरोप के शक में पूरे शहर में तमाशा पसरा है। दरअसल सरलाबेट के महंत परम पूज्य श्री रामगिरी महाराज जी का विरोध किया जा रहा है।
इसकी शुरूआत हुई एक भड़काउ वीडियो से। जिसमें एक मौलाना ने एक संत का सर तन से जुदा करने का फरमान सुनाया। वो संत कोई और नहीं श्री राम गिरी जी महाराज हैं, क्योंकि श्री राम गिरी जी के पुराने भ्रामक वीडियो की बात को लेकर पुलिस थाने में झूठी एफआईआर दर्ज कराने के लिए संभाजीनगर ,वैजापुर, गंगापुर, समेत कई जगह पर बड़ी संख्या में जिहादियों का झुंड सड़क पर उतरकर पुलिस पर दबाव बना रहा है।
सुनुयोजिक पैट्रन से हो रहा बवाल
जिहादियों के दबाव में आकार वैजापुर पुलिस थाने में संत श्री रामगिरी जी महाराज के विरोध में मामला भी दर्ज कर लिया। छत्रपति संभाजीनगर में शुक्रवार की नमाज के बाद दोपहर 3 बजे जिहादियों का झुंड पुलिस कमिश्नर ऑफिस में पहुंचकर FIR करने के लिए दबाव बनाता नजर आया। बड़ी संख्या में पहुंची भीड़ का मकसद ज्यादा से ज्यादा जगहों पर शिकायत दर्ज कराकर, सड़कों पर उपद्रव और डर का माहौल बनाकर पुलिस प्रशासन और सरकार पर दबाब बना कर राम गिरी जी महाराज की गिरफ्तारी हो जाए। ये सब एक सुनुयोजिक पैट्रन के हिसाब से किया जा रहा है।
क्या सच में है कानून व्यवस्था पर भरोसा?
संतों की गरिमा पर सवाल खड़े करने का प्रयास किया जा रहा है। संभाजीनगर के पेठनगेट परिसर में मुसलमानों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। दोपहर नमाज के बाद ये भीड़ पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंची। बता दें कि महंत श्री रामगिरी जी महाराज का नासिक जिले के सिन्नर में पिछले एक हफ्ते से धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में उनको सुनने के लिए लोग पहुंचे हैं।
सवाल ये है कि, एक तरफ तो सड़कों पर भीड़ तंत्र अराजकता के दम पर दबाव बना रहा है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है। अगर देश की कानून व्यवस्था पर भरोसा है तो सर तन से जुदा का फरमान क्यों? क्या ये सब एक सोची समझी रणनीति के हिसाब से तो नहीं किया जा रहा? सबसे पहले सर तन से जुदा करने की बात करने वाले मौलाना को गिरफ्तार किया जाना जरूरी है। और इस जिहादी सोच का इलाज जरूरी है।