महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख Hindu पर्व है, जिसे उनके विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कब है महाशिवरात्रि?
हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि की तिथि की शुरुआत 26 फरवरी, बुधवार को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी, जबकि तिथि का समापन 27 फरवरी, गुरुवार को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, इसलिए व्रत 26 फरवरी को ही रखा जाएगा।
महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पूजा में विशेष महत्व निशिता काल का है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस दिन निशिता काल 26 फरवरी को रात 12 बजकर 9 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा, इस दौरान भक्तों को पूजा करने के लिए 50 मिनट का समय मिलेगा।
रात्रि 4 पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की रात चार पहरों में पूजा की जाती है:-
प्रथम प्रहर पूजा समय: शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक
द्वितीय प्रहर पूजा समय: रात 9:26 बजे से 27 फरवरी को रात 12:34 बजे तक
तृतीय प्रहर पूजा समय: 27 फरवरी को रात 12:34 बजे से 3:41 बजे तक
चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 27 फरवरी को सुबह 3:41 बजे से 6:48 बजे तक
महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय
महाशिवरात्रि व्रत का पारण शुभ मुहूर्त गुरुवार, 27 फरवरी को सुबह 6:48 बजे से 8:53 बजे तक रहेगा। इस दौरान व्रत रखने वाले भक्त भोलेनाथ की पूजा करने के बाद पारण कर सकते हैं।