घूरी गाँव में मुर्गी फार्म बना काल, दूषित पानी और गंदगी से गाँव में फैली बीमारी
कौशाम्बी। नेवादा ब्लॉक के घूरी गाँव में स्थित मुर्गी फार्म ने मानो अभिशाप का रूप ले लिया है। गाँव की गलियों में फैली बदबू, दूषित पानी और गंदगी ने गाँववासियों का जीना दुश्वार कर दिया है। तीन दिन पहले ही गाँव के कई लोग इस गंदगी और दूषित पानी के कारण बीमार हो गए थे, जिससे गाँव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह फार्म अब उनके लिए मौत का गढ़ बन चुका है, जहाँ से हर दिन नई बीमारियों की आहट सुनाई देती है।
दुर्गंध से बेहाल, बीमारियों से हताश
गाँव के बुजुर्ग शिवचंद का कहना है, "यह मुर्गी फार्म नहीं, हमारे लिए काल बन गया है। हर दिन उठने वाली दुर्गंध और गंदगी ने हमारे जीवन को नरक बना दिया है। हमारे बच्चे तक बीमार हो रहे हैं। जब तक यह फार्म यहाँ है, हमारा चैन और सुकून सब छिन चुका है।" शिवचंद की बातें सुनकर गाँव की महिलाओं और बच्चों के चेहरों पर दर्द और बेबसी साफ झलकती है। तीन दिन पहले गाँव के दर्जनों लोग दूषित पानी पीने से बीमार हो गए। चायल एडीएम योगेश कुमार गौड़ के निर्देशन में गाँव में साफ़ सफ़ाई करायी जा रही है। नेवादा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी और उनकी टीम पिछले तीन दिनों से गाँव में मेडिकल कैम्प लगाकर इलाज कर रहे, लेकिन गाँव के लोग मानते हैं कि जब तक इस मुर्गी फार्म का खात्मा नहीं होता, तब तक उनकी जान पर खतरा बना रहेगा।
प्रशासन की बड़ी कार्रवाई की तैयारी
चायल एसडीएम योगेश कुमार गौड़ ने इस गंभीर समस्या पर सख्त रुख अपनाया है। उनका कहना है, "मुर्गी फार्म संचालक को नोटिस जारी किया जाएगा और फार्म की विस्तृत जाँच की जाएगी। अगर गाँव में किसी की सेहत पर असर पड़ा है, तो कार्रवाई निश्चित है।" ग्रामीणों को अब प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द ही इस अभिशाप से उन्हें मुक्ति मिलेगी। गाँव की नालियों में जमी गंदगी और फार्म से निकलने वाली गंदगी ने गाँव को बीमारियों का केंद्र बना दिया है। गाँववाले अब प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान की गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनकी ज़िंदगी फिर से पटरी पर लौट सके।
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