यदि रामायण और महाभारत को अभी भी देखा जाय तो ऐसी घटनाओ को इतिहास की पुनरावृत्ति ही कहेगे. सत्य सनातन की पवित्र परम्पराओं के शत्रु आज अचानक ही नहीं उठ खड़े हुए हैं, भगवान् श्रीराम राम और भगवान् श्रीकृष्ण तक को अपने राज्य के ऋषियों की और उनके द्वारा संरक्षित संस्कृति की रक्षा खुद उतर कर करनी पड़ी थी..
उन्ही तमाम घटनाओं से मिलता जुलता एक नया मामला दिल्ली के जगतपुरी क्षेत्र से सामने आ रहा है जहाँ वो हुआ है जो इतिहास में पहले कभी भी नहीं हुआ था. होली से ठीक पहले जलती होलिका को दिल्ली पुलिस ने स्वयं आ कर पानी डाल कर बुझा दिया और वहां भक्तिभाव से खड़ी महिलाएं पूजा की थाल ले कर रोती रहीं.
ये मामला है दिल्ली के जगतपुरी का. ये क्षेत्र DCP शाहदरा के अधीनस्थ है.. यहाँ सडको पर न सिर्फ अतिक्रमण बल्कि अक्सर उस पर मजहबी कार्य करते आराम से देखे जा सकते हैं लेकिन जैसे ही हिन्दुओं का पर्व आया वैसे ही दिल्ली पुलिस अचानक सक्रिय हो गई और उन्होंने जलती होलिका में पानी डाल कर उसे बुझा दिया.
यद्दपि ये कृत्य किस के दिशा निर्देश पर किया गया है ये अभी तक सामने नहीं आ पाया है पर इस मामले को सुदर्शन न्यूज़ ने उठाया तो कोहराम मच गया और सोशल मीडिया के साथ जमीनी स्तर पर भी व्यापक विरोध शुरू हो गया.. ख़ास बात ये है की इस मामले में दिल्ली पुलिस अपनी गलती स्वीकार करने तक को तैयार नहीं.
जानकारी ये भी आई थी की होली के दिन होलिका जलाने को अपराध मान कर २ हिन्दुओ को हिरासत तक में ले लिया गया था. इस मामले में सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान सम्पादक सुरेश चव्हाणके जी ने विरोध की शुरुआत करते हुए दिल्ली पुलिस के इस कृत्य को बेहद आपत्तिजनक बताया है.
देखिये सुरेश जी का ट्विट इस विषय पर -