शेख हसीना ने बांग्लादेश सरकार से ISKCON के चिन्मय प्रभु की रिहाई की मांग की, वकील की हत्या पर जताया विरोध
बांग्लादेश सरकार से शेख हसीना ने चिन्मय दास के समर्थन में जारी किया बयान।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में ISKCON के महंत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की आलोचना की है और अंतरिम सरकार से उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है। चिन्मय दास, जो इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव और सनातनी जोत संगठन के नेता हैं, को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ बांग्लादेश के कई हिस्सों में लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। भारत में भी विभिन्न समूहों ने इस गिरफ्तारी पर विरोध जताया और भारत सरकार से बांग्लादेश के सामने यह मामला उठाने की मांग की।
वकील की हत्या पर शेख हसीना की प्रतिक्रिया
शेख हसीना ने इस दौरान सुरक्षा बलों और दास के अनुयायियों के बीच हुई झड़पों में एक वकील की हत्या पर भी कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस हत्या में शामिल लोगों को शीघ्र सजा मिलनी चाहिए। हसीना ने इस घटना को लेकर अपनी चिंता जताते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
अंतरिम सरकार पर आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर मानवाधिकारों की रक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक वकील जो अपने कर्तव्यों को निभाने गया था, उसे बेरहमी से मार डाला गया, जो कि एक आतंकवादी कृत्य है। उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को जल्दी सजा दी जाए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
भारत में विरोध प्रदर्शन
भारत में, कोलकाता के बंगीय हिंदू जागरण मंच के सदस्य बांग्लादेश में हो रहे हिंदू समुदाय पर अत्याचारों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश उप उच्चायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को इस वर्ष अगस्त के बाद से लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है। शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद हिंदू समुदाय पर 200 से अधिक हमले हुए हैं। चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और अदालत ने उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसके बाद ढाका और चटगांव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
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