इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज लगातार 80 वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। संघर्ष समिति ने कहा है कि वह सुधार और संघर्ष का मंत्र लेकर जहां निजीकरण का विरोध कर रहे हैं वही सुधार के लिए भी बिजली कर्मचारियों का आवाहन कर रहे हैं किन्तु प्रबंधन निजीकरण हेतु भय का वातावरण बना रहा है जिससे सुधार के कार्यक्रमों में बाधा आ रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण का निर्णय वापस होने तक विरोध का सतत अभियान जारी रहेगा किन्तु संघर्ष समिति ने अपने सुधार और संघर्ष के मंत्र का पालन करते हुए बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं से अपील की है कि वे चालू वित्तीय वर्ष में अधिकतम राजस्व वसूली का लक्ष्य प्राप्त करने में पूरी शक्ति से लगे रहें। संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बार फिर बिजली अभियंताओं को ट्रांसफर कर, चार्जशीट देकर और निलंबन जैसी कार्यवाही कर भय का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी यह उम्मीद लगाए हुए थे कि महाकुम्भ में श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने का कीर्तिमान बनाने वाले बिजली कर्मियों को प्रबंधन पुरस्कृत करेगा किन्तु अत्यन्त खेद का विषय है कि पुरस्कार के बदले प्रबन्धन बिजली कर्मियों का उत्पीड़न कर रहा है जिससे कार्य का वातावरण बिगड़ रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि महाकुम्भ के पांचों अमृत स्नान के साथ आज महाकुंभ के 34 दिन तक बिजली कर्मियों ने महाकुम्भ में एक मिनट के लिए भी बिजली का व्यवधान नहीं होने दिया जो एक रिकॉर्ड है। इसके बाद भी प्रबन्धन का निजीकरण के लिए रवैया अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी, और अनपरा में विरोध सभा हुई।