अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का प्रस्ताव रखा है। इस कदम से भारत को अमेरिकी सैन्य सहायता मिलने की संभावना है, जिससे पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान ने इस कदम को दक्षिण एशिया में शांति के लिए खतरा बताया है।
पाकिस्तान ने जताई चिंता
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने कहा कि इस प्रकार के कदम से क्षेत्रीय सैन्य संतुलन प्रभावित हो सकता है और रणनीतिक स्थिरता में कमी आ सकती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान दिया कि भारत को उन्नत सैन्य तकनीक मिलने से उनकी सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं।
दक्षिण एशिया में शांति की अपील
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से अपील की है कि वे दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर संतुलित और वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि साझेदार देशों को एकतरफा फैसलों का समर्थन नहीं करना चाहिए, जो क्षेत्रीय वास्तविकताओं से मेल नहीं खाते।
भारत को मिलने वाले सैन्य उपकरण
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी मुलाकात के बाद भारत और अमेरिका के बीच 10 साल की रक्षा साझेदारी और हथियारों के सह-उत्पादन को जारी रखने की घोषणा की थी। इस साझेदारी के तहत भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, भारत को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल जैवलिन और बख्तरबंद वाहन स्ट्राइकर की बिक्री और निर्माण भी शीघ्र शुरू किया जाएगा।
F-35 जेट पर उठे सवाल
जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी से पूछा गया कि क्या भारत अमेरिका से एफ-35 जेट खरीदने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा कि यह अभी केवल एक प्रस्ताव के स्तर पर है।