आमलकी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, जो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। तो जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त।
कब है आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी 10 मार्च को रहेगी। इसी दिन इसका व्रत रखा जाएगा।
व्रत पारण का शुभ मुहूर्त: व्रत पारण 11 मार्च 2025, मंगलवार को सुबह 6:35 बजे से 8:13 बजे तक रहेगा।
आमलकी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
पूजा विधि
स्नान और व्रत का संकल्प: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
विष्णु पूजा: घर के मंदिर में भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें तुलसी, चंदन, फूल, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।
आंवले के पेड़ की पूजा: आंवले के पेड़ की पूजा करें और उसकी परिक्रमा करें।
व्रत कथा का श्रवण: आमलकी एकादशी की कथा का श्रवण करें।
व्रत पारण: व्रत पारण के समय उपवासी व्रति फलाहार ग्रहण करें और पारण करें।
उपाय
आमलकी एकादशी के दिन गंगा स्नान और दान को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन हल्दी का दान करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
आमलकी एकादशी का व्रत और पूजा करने से भक्तों को भगवान श्री विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।