तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति को लेकर विवाद गहरा गया है। इस बीच, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार ने राज्य के बजट में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ₹ (रुपये) के प्रतीक को 'ரூ' (तमिल अक्षर 'रु') में बदल दिया है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा तमिल भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
हिंदी विवाद और तमिलनाडु सरकार का विरोध
केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा नीति लागू करने की बात की जा रही है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और एक स्थानीय भाषा को शिक्षा में अनिवार्य किया गया है। तमिलनाडु सरकार इस नीति के खिलाफ खड़ी है, और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इसे तमिल भाषा और संस्कृति पर हमला मानते हैं। पिछले कुछ समय से राज्य और केंद्र सरकार के बीच हिंदी को लेकर तीव्र विवाद चल रहा है।
BJP नेता का तीखा बयान
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट करते हुए इस कदम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने तमिलनाडु के डीएमके नेता के बेटे थिरु उदय कुमार द्वारा ₹ के सिंबल को डिजाइन करने का जिक्र करते हुए इसे मूर्खता करार दिया। अन्नामलाई ने कहा कि यह प्रतीक पूरे भारत में स्वीकार किया गया था, लेकिन अब तमिलनाडु सरकार ने इसे हटाकर गलत निर्णय लिया है।
₹ का प्रतीक और उसकी उत्पत्ति
भारत में ₹ का प्रतीक 15 जुलाई 2010 को अपनाया गया था। यह प्रतीक देवनागरी लिपि के 'र' और लैटिन अक्षर 'R' का मिश्रण है, जिसमें एक वर्टिकल रेखा है, जो राष्ट्रध्वज और बराबरी के चिन्ह को दर्शाती है। इस प्रतीक को भारतीय बैंकर और आईआईटी मुंबई के पूर्व छात्र उदय कुमार ने डिज़ाइन किया था, जिन्हें इस काम के लिए 2.5 लाख रुपये का इनाम भी मिला था।
तमिलनाडु में बढ़ता त्रिभाषा विवाद
इस समय तमिलनाडु में त्रिभाषा नीति को लेकर विवाद काफी गर्म है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति को लेकर संघर्ष जारी है। संसद के बजट सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ, और तमिलनाडु के डीएमके सांसदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ नारेबाजी की।