विनायक चतुर्थी 2025, जो 2 मार्च को मनाई जाएगी, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि यह दिन विघ्नहर्ता और सुख-समृद्धि के दाता भगवान गणेश के स्वागत का दिन होता है। गणेश जी का व्रत और पूजन विशेष रूप से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। इस दिन की पूजा विधि से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में आने वाली समस्याओं और विघ्नों को भी दूर किया जा सकता है।
कब है विनायक चतुर्थी
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च दिन शनिवार को रात 9 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 3 मार्च दिन रविवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत 3 मार्च को ही रखा जाएगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 10 बजकर 11 मिनट पर होगा।
पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की शुरुआत सूर्योदय से पहले करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत संकल्प के साथ करें और फिर गणेश जी का आवाहन करें। इसके बाद उन्हें वस्त्र, फूल, फल, दूर्वा, मोदक और अन्य प्रिय पदार्थ अर्पित करें। मोदक को गणेश जी का प्रिय भोग माना जाता है, इसलिए इसे विशेष रूप से अर्पित करें। इसके अलावा, घर के प्रत्येक कोने की सफाई और दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप भी विशेष रूप से किया जाता है, जिसमें "ॐ गण गणपतये नमः" या "ॐ श्री गणेशाय नमः" जैसे मंत्रों का उच्चारण करें। यह मंत्र गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं और उनके आशीर्वाद से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजा का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि गणेश जी का जन्म चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस दिन गणेश जी की पूजा से न केवल समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं को दूर करने की क्षमता भी मिलती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करता है, उसे जीवन में खुशहाली और सफलता प्राप्त होती है।
संकटों का निवारण और समृद्धि
गणेश जी का पूजन विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है जो जीवन में किसी संकट से गुजर रहे हैं या जिन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पूजा से न केवल समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है। इस दिन को विशेष रूप से ध्यान और साधना के लिए आदर्श माना जाता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।