आज यानी 15 दिसंबर से सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर गए हैं, जिससे खरमास महीने की शुरुआत हो गई है। सूर्य देव 14 जनवरी तक इस राशि में रहेंगे। हिन्दू धर्म में इस अवधि के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है, जिन्हें शास्त्रों में मर्मपूर्ण बताया गया है। आइए जानते हैं इस महीने के नियमों के बारे में।
कब समाप्त होगा खरमास? (Kharmas 2024 की तिथि)
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे, और इसी के साथ खरमास का महीना शुरू होगा। सूर्य देव 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे, और इस दिन खरमास का समापन हो जाएगा।
खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों में परहेज
खरमास के दौरान सूर्य देव का रथ खच्चर (गधा) द्वारा खींचे जाने की मान्यता है, जिससे उनकी गति धीमी हो जाती है। इसका असर शुभ कार्यों पर पड़ता है, और यही कारण है कि इस महीने में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों को निषेध किया जाता है। सूर्य देव की मंद गति के कारण सफलता की संभावना कम होती है, जिससे शुभ कार्यों में विघ्न आ सकता है।
खरमास में इन कार्यों से बचें
खरमास के दौरान विशेष रूप से इन कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है:
- विवाह और सगाई: इस समय विवाह या सगाई जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
- गृह प्रवेश और मुंडन: नया घर लेना, उसमें प्रवेश करना, या मुंडन जैसे कार्य भी इस दौरान वर्जित माने जाते हैं।
- नया कार्य शुरू न करें: किसी नए व्यापार की शुरुआत, दुकान का उद्घाटन या कोई नया व्रत/पूजा अनुष्ठान शुरू करना शुभ नहीं माना जाता।
खरमास के नियम और धार्मिक मान्यताएं
खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों से बचने के पीछे धार्मिक मान्यता है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस समय विवाह, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों का आयोजन न करें। इसके अलावा, नए घर या संपत्ति का क्रय करना भी इस समय अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे जीवन में समस्याएं आ सकती हैं।
इस अवधि में नए व्यवसाय की शुरुआत या रिंग सेरेमनी जैसी शुभ घटनाओं से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि इनसे आने वाली मुश्किलें जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
खरमास के दौरान अगर शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन नहीं किया जाता, तो व्यक्ति को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस महीने में शांतिपूर्ण तरीके से समय बिताने और शुभ कार्यों को बाद में करने की सलाह दी जाती है।