भारत सरकार द्वारा आयोजित, केंद्र सरकार के ‘संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए केंद्र’ (CUNPK) के तहत 24-25 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में ‘ग्लोबल साउथ की महिला शांतिरक्षकों पर सम्मेलन’ का आयोजन किया गया है। यह सम्मेलन विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया है, जिसमें 35 देशों की महिला शांति सैनिकों को एक मंच पर लाया गया है। इसका उद्देश्य शांति सैनिकों के मिशन में महिलाओं की भूमिका को समझना और बढ़ाना है।
महिला शांति सैनिकों की भूमिका पर चर्चा
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महिला शांति सैनिकों की भूमिका को मजबूत करना है। इसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि अनुभव साझा करेंगे और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में महिला सैनिकों की भूमिका और उनके योगदान को बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
सम्मेलन का उद्घाटन
सम्मेलन के पहले दिन, प्रतिभागियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। इसके बाद, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उद्घाटन भाषण दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि का संबोधन
भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने महिला शांति सैनिकों की उत्कृष्ट सेवा और वैश्विक शांति में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिला शांति सैनिकों ने पारंपरिक सोच को तोड़ा है और चुनौतियों का सामना करते हुए नेतृत्व और सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर का बयान
सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और बताया कि महिला शांति सैनिकों की उपस्थिति महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महिला शांति सैनिक न केवल शांति के मिशन में अग्रणी भूमिका निभाती हैं, बल्कि वे अपने-अपने देशों की समाजिक स्थिति सुधारने के लिए प्रेरणा भी देती हैं।
सम्मेलन के सत्र
सम्मेलन में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया:
सत्र 1 - यौन शोषण और दुर्व्यवहार से निपटना
यह सत्र संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक क्रिश्चियन सॉन्डर्स द्वारा संचालित किया गया। इसमें मेजर राधिका सेन, मोरक्को की मेजर हिंद जिरारी और ब्राजील की कर्नल सिमोन एंटूनिस ने हिस्सा लिया। इस सत्र में शांति मिशनों में यौन शोषण और दुर्व्यवहार से निपटने के लिए तंत्र पर चर्चा की गई।
सत्र 2 - शांति सैनिकों में तकनीक का उपयोग
इस सत्र का संचालन डेबजानी घोष ने किया। इसमें लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर और ब्रिगेडियर मनेश तामांग ने तकनीकी उपकरणों जैसे ड्रोन, एआई-आधारित डेटा विश्लेषण, और रीयल-टाइम संचार प्रणाली के शांति मिशन में उपयोग पर चर्चा की।
सम्मेलन का समापन सत्र
सम्मेलन के समापन पर रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ उपस्थित रहेंगे। समापन सत्र में महिला शांति सैनिकों के योगदान पर चर्चा की जाएगी और वैश्विक दक्षिण में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के अवसरों पर विचार किया जाएगा।
भारत का नेतृत्व और समावेशी शांति मिशन
यह सम्मेलन भारत की शांति मिशन संचालन में समावेशी और प्रभावी भूमिका को पुनः प्रमाणित करता है। भारत का यह प्रयास शांति मिशनों में महिलाओं के योगदान को और बढ़ाने के लिए है।