भारतीय सेना के पैरालिंपिक नोड (APN), बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप और सेंटर, खड़की, और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट के पैरालिंपिक एथलीटों ने 20 से 26 मार्च 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित 2nd खेलो इंडिया पैरागेम्स में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में भारतीय सेना के कुल 24 पैरालिंपिक एथलीटों ने पैराथलेटिक्स और शूटिंग में भाग लिया और 15 पदक जीते। इसमें 4 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य पदक शामिल हैं।
धैर्य और साहस का प्रदर्शन
सेना के एथलीटों ने खेलों में अपनी असाधारण सहनशक्ति, अदम्य भावना और प्रतिस्पर्धी उत्कृष्टता का परिचय दिया। दो इवेंट्स—F-57 शॉट पुट और T-64 200 मीटर में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और प्रत्येक में सभी तीन पदक अपने नाम किए।
प्रमुख प्रदर्शन
इन प्रतियोगिताओं में सबसे प्रमुख प्रदर्शन गनर नरेश का रहा, जिन्होंने T-64 200 मीटर और 400 मीटर (ब्लेड श्रेणी) में दो स्वर्ण पदक जीते। वहीं, नायक राजवीर ने T-64 100 मीटर और 200 मीटर इवेंट्स में दो रजत पदक जीते। सैपर शुभम जॉयल ने F-57 शॉट पुट में रजत पदक हासिल किया और उन्होंने पैरालंपिक पदक विजेता सूबेदार होकटो सेमा को पछाड़कर यह उपलब्धि हासिल की, जो आने वाली पीढ़ी के संभावित बेहतरीन पैरालिंपिक एथलीटों की ओर इशारा करता है।
शूटिंग में भी प्रदर्शन
शूटिंग में भी भारतीय सेना के एथलीटों ने अपनी श्रेष्ठता साबित की। नायब सूबेदार अमीर अहमद भट ने 25 मीटर पिस्टल इवेंट में रजत पदक जीता, जबकि सिपाही आनंदकृष्णन एच ने 50 मीटर राइफल प्रोन इवेंट में रजत पदक प्राप्त किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पैरालिंपिक शूटिंग में भारतीय सेना की उत्कृष्टता लगातार बढ़ रही है।
सेना की प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता
भारतीय सेना की इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में एथलीटों के अनुशासन और उत्कृष्ट प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि सेना अपनी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए Army Paralympic Node और मिशन ओलंपिक्स जैसी पहलों के माध्यम से निरंतर काम कर रही है। इस प्रकार के प्रयासों से भारतीय सेना के पैरालिंपिक एथलीटों की क्षमता और प्रतिस्पर्धी भावना और भी मजबूत होती जा रही है।