गुजरात सरकार ने पिरोटन द्वीप पर फैले अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए इसे पूरी तरह हटा दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में और गृह मंत्री हर्ष संघवी के दिशा-निर्देश में पुलिस और प्रशासन ने इस कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में रखा और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोका।
अवैध अतिक्रमण का सफाया
पिरोटन द्वीप पर लगभग 4000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैले अवैध सांप्रदायिक स्थलों और कब्जों पर प्रशासन का बुलडोजर चला। यह क्षेत्र पिरोटन समुद्री राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है और न केवल पर्यावरणीय बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
कार्रवाई क्यों जरूरी थी?
1. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा:
पिरोटन द्वीप के पास 5 एसपीएम (Single Point Mooring) स्थित हैं, जो देश की 60% कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं। अतिक्रमण के कारण इस क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं थीं।
2. समुद्री पारिस्थितिकी पर असर:
द्वीप समुद्री राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा होने के कारण यहां के प्रवाल और अन्य समुद्री जीवों को अवैध निर्माण से भारी नुकसान हो रहा था।
3. अवैध गतिविधियों का केंद्र बनने का खतरा:
अतिक्रमण और अवैध आवाजाही से यह क्षेत्र मादक पदार्थों (एनडीपीएस) से संबंधित गतिविधियों का अड्डा बनने की आशंका थी।
4. महत्वपूर्ण उद्योगों को खतरा:
द्वीप के आसपास स्थित जीएसएफसी, रिलायंस, नयारा एनर्जी, एयर फोर्स बेस और नेवी बेस जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में थी।
गृह मंत्री हर्ष संघवी का नेतृत्व और पुलिस की भूमिका
गृह मंत्री हर्ष संघवी के कुशल नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई के दौरान स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित रखा। किसी भी विरोध या अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था की, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकी।
राज्य सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि राज्य में अवैध निर्माण और दबावों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। गृह मंत्रालय और पुलिस विभाग की समन्वित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि अतिक्रमण हटाने का काम तेज और निष्पक्ष तरीके से पूरा हो।
परिणाम और प्रभाव
इस कार्रवाई से न केवल पिरोटन द्वीप को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने की दिशा में कदम उठाया गया है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और समुद्री जीवन की रक्षा के लिए भी एक मिसाल पेश की गई है। गृह मंत्री हर्ष संघवी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में यह कार्रवाई साबित करती है कि गुजरात सरकार अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।