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वर्ष 1951 से 2011 तक भारत में हर 10 साल पर जनगणना का काम होता रहा है। लेकिन हर जनगणना में एससी और एसटी यानि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना के डाटा अलग से दिए जाते हैं लेकिन दूसरी जातियों के नहीं।