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ईशु कालरा ने कहा कि यह बदलाव समाज के हाथ में है। जब तक समाज अपनी सोच नहीं बदलेगा तब तक सरकार कितना भी सख्त कानून लागू कर ले दहेज उत्पीड़न के मामले बढ़ते ही रहेंगे इसलिए यह आवश्यक है कि बदलते समय के साथ लोग अपनी सोच भी बदलें।