शिक्षा के मंदिर मे व्यापारी बने संचालक और पोषक बने शिक्षा ऑफिसर .
निजी विद्यालय मे शिक्षा लेना अब मिडिल फॅमिली को कठिन साबित होंगी .मनमाना फ़ीस के अलाबे मोती बुक्स का ;टाई बेल्ट डायरी आदि के नाम पर बड़ा पैकेज अविभाबक को देना पड़ रखा है .एक़ स्कूल से क़िताब दुकानदार 2 लाख तक कमाई करते हैं बिना कोई टैक्स दिए .सोचे ऐसे दर्जनो विधालय से करोड़ो की कमाई हो रहीं हैं .जिसका एक पार्ट विभाग को दिया जाता हैं ;कारण सरकार एजुकेशन को gstvat के लेवल से छूठ कर रखी हैं .