रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले कई महीनों से जारी है, और हाल ही में स्थिति और भी गंभीर हो गई है। हाल ही में, यूक्रेन ने अमेरिकी मिसाइलों से रूस में बड़ी तबाही मचाई, जिसके बाद रूस ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से यूक्रेन पर हमला किया। इस कदम ने पूरे विश्व को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि ICBM परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता भी रखती है।
रूस का पहला ICBM हमला... क्या यह परमाणु हमला था?
रूस ने अब तक अपनी ताकत को प्रदर्शित करते हुए पहली बार ICBM मिसाइल का इस्तेमाल किया है, जिससे यूक्रेन के निप्रो शहर में भयंकर तबाही मचाई गई। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस हमले में परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया गया था या नहीं। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, यह हमला परमाणु नहीं था, लेकिन ICBM का उपयोग हमेशा परमाणु हमला करने की धमकी के रूप में भी देखा जाता है।
अमेरिका की मिसाइल सहायता और रूस की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करने की मंजूरी दी थी, जिससे रूस के अंदरूनी इलाकों में भी हमले किए गए। इसके बाद, रूस ने अपनी मिसाइलों से यूक्रेन को जवाबी हमला किया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की चेतावनी दी थी, और अब ICBM का इस्तेमाल करके उन्होंने अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। यूक्रेन में कई क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद, रूस ने अब तक अपनी रणनीति को और भी आक्रामक बना लिया है।
युद्ध में नए मोर्चे और संभावित वैश्विक प्रभाव
इस युद्ध के दौरान रूस ने उत्तर कोरिया से हजारों सैनिकों की मदद ली है, जबकि अमेरिका और यूरोप ने यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियार भेजे हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले बढ़ने के साथ, पूरी दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ने लगी है। यूक्रेन में कई देशों ने अपने दूतावास बंद कर दिए हैं, और संघर्ष के क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है।
रूस की एटमी नीति में बदलाव
इस युद्ध के चलते रूस ने अपनी परमाणु नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब रूस ने अपनी परमाणु शक्ति को और भी प्रमुख बना लिया है, और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल करके अपनी सैन्य शक्ति को प्रमाणित किया है। यह कदम न केवल यूक्रेन, बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंता का कारण बन गया है।
तीसरे विश्व युद्ध का खतरा
यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और परमाणु हमलों की धमकियों के चलते तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। यह संघर्ष न केवल यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है। वैश्विक शक्ति संतुलन पर इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, और यही कारण है कि कई देश इस युद्ध के संभावित परिणामों से चिंतित हैं। इस समय स्थिति बहुत नाजुक है, और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आने वाले दिनों में युद्ध का रुख क्या होगा।