मनमाना फ़ी के बाद क़िताब का भी मनमाना दाम :अभिभावक हैं परेशान
नए सेशन से हर विद्यालय मे निजी स्कूल अपना फ़ीस प्रारूप तय किए हुए हैं .जिसमें इनोलमेन्ट ;डेवलपमेंट;सेसन चार्ज हर वर्ष पुराने स्टूडेंड कैडिडेट को भी लग रहे हैं .हर साल न्यू बुक हर क्लास मे दिया जा रहा हैं .जिसे अभिभाबक को आर्थिक नुकसान होता हैं .ना शिक्षा विभाग को नोटिस लेना हैं ना ही शासन को नोटिस लेना हैं .टैक्स के लेवल से विद्यालय को अलग़ रखा गया हैं जिसका पूरा ग़लत फ़ायदा निजी स्कूल लेते नज़र आ रहे हैं .