आपको बता दे कि 266 का यूरिया 45 किलोग्राम का पैकेट 400 तक बेचा जा रहा हैं .दुकानदार को अपने दुकानदारी भी करना हैं विरोद्ध करने पर हॉलसेलर खाद्य नहीं देंगे .डर के कारण किसान को ऊंचे दाम पर देना दुकानदार की मज़बूरी हैं दूसरी तरफ़ किसान की जरूरी हैं .इस पुरे खेल मे बक़रा तो किसान ही बन रहा हैं .विभाग को सब पता हैं पर विभाग कोई करबाई नहीं कर सकता ऑफिसर के हाथ और मुँह को लग़ाम लगाया जा चुका हैं .खाद्य कारोबारी का लिंक सरकार मे बड़े लोगों तक हैं .विरोधी दल को भी इस सब्जेट से ख़ास दिल लगी नहीं हैं कारण सब को करोबारी का कारोबार का शहर से हिसा मिल रहा हैं .पैक्स को लिमिट मैं खाद्य दिया जाता हैं .इस कारण से पैक्स भी खाद्य को दुकानदार के हबाले मुनाफ़ा कमा रहे .
अब नया फरमान आया हैं खाद्य के साथ कीटनाशक भी लेना होगा और बेचना भी होगा .किसान को ऊंची दाम मे खाद्य के साथ कीटनाशक भी लेना होगा .लोग किसान के साथ सड़क पर हगांमा कर रहे हैं .सरकार गुंगी और कान मे तेल डाल कर कुंकरण के नींद मे सोई हैं .सोचिए हर मौसम मे भोजन थाली तक सभी को मिल रहा हैं यह किसान के कारण पर जब किसान को कमज़ोर किया जाएगा तो खाने के लाले पर सकते हैं .