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fighter jets: 'हम स्वदेशी सिस्टम का ही चयन करेंगे क्योंकि..’, बोले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि, भारत को हर साल कम से कम 40 से 50 लड़ाकू विमान बनाने की जरूरत है, जिससे कि पुराने वाले विमानों को बदला जा सके.

Geeta
  • Feb 28 2025 9:43PM
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि, भारत को हर साल कम से कम 40 से 50 लड़ाकू विमान बनाने की जरूरत है, जिससे कि पुराने वाले विमानों को बदला जा सके. उन्होंने कहा कि इस टारगेट को पूरा करना असंभव नहीं है. 

उन्होंने कहा कि, एयरफोर्स स्वदेशी सिस्टम को प्राथमिकता देगी, भले ही वह थोड़ा कम प्रदर्शन करे. एयर चीफ मार्शल ने कहा कि मैं अपने मन में पूरी तरह आश्वस्त हूं कि भले ही स्वदेशी प्रणाली मुझे थोड़ा कम प्रदर्शन दे.
 
उन्होंने कहा कि, अगर यह विश्व के बाजार में मुझे मिलने वाले सिस्टम का 90 या 85 प्रतिशत है तो हम स्वदेशी सिस्टम का ही चयन करेंगे क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे हम अपने सिस्टम को पाने के लिए हमेशा बाहर की ओर देखने से बच सकते हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि साथ ही स्वदेशी सिस्टम रातोंरात नहीं बन सकता. इसमें समय लगेगा और इसे समर्थन की जरूरत होगी. इसलिए, इसके लिए भारतीय वायुसेना किसी भी आर एंड डी प्रोजेक्ट के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा कि, भारत को हर साल कम से कम 35-40 लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है, ताकि पुराने हो रहे बेड़े को बदलने की जरूरतें पूरी की जा सकें. उन्होंने आग कहा, ‘मैं समझता हूं कि ये क्षमताएं रातों-रात नहीं आ सकतीं लेकिन हमें खुद को इस दिशा में आगे बढ़ाना होगा. अगर कोई निजी उद्योग मेक इन इंडिया के लिए आता है तो हम उनकी तरफ से हर साल शायद 12-18 विमान और जोड़ सकते हैं. ऐसे में हम उस संख्या तक पहुंच रहे हैं तो यह संभव है.

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