शारदीय नवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस पर्व के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं और उन्हें शक्ति, समृद्धि और भक्ति की देवी माना जाता है। इस दिन भक्तगण विशेष श्रद्धा के साथ मां की आराधना करते हैं। तो जानिए पूजन विधि और महत्व ।
पूजा विधि
स्थान की तैयारी: सबसे पहले पूजा के लिए एक साफ और पवित्र स्थान चुनें। वहां पर एक चौकी स्थापित करें और उस पर सफेद या हरे रंग का कपड़ा बिछाएं।
मां का प्रतीक: मां महागौरी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। उन्हें सफेद रंग की वस्त्र धारण कराने का महत्व है, क्योंकि सफेद रंग पवित्रता का प्रतीक है।
आभूषण और पुष्प: मां को आभूषण पहनाएं और उन्हें सफेद फूलों, विशेषकर चमेली और मोगरे के फूलों से सजाएं। इन फूलों को चढ़ाने से पूजा की महत्ता बढ़ती है।
धूप और दीप जलाना: पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और धूप का भोग लगाएं। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नैवेद्य: मां को शुद्ध और ताजा खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, शहद और मिठाई का भोग लगाएं। इसे मां के समक्ष अर्पित करने के बाद भक्तों में बांटें।
मंत्रों का जाप: मां महागौरी के मंत्र "ॐ देवी महागौरी नमः" का जाप करें। यह मंत्र विशेष फलदायी माना जाता है।
आरती: पूजा के अंत में मां की आरती करें और भक्तिपूर्वक उनके चरणों में प्रणाम करें। आरती में श्रद्धा भाव से शामिल हों।
पूजा का महत्व
मां महागौरी की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जो लोग सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन का व्रत रखने से जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है।