उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदान के दिन हिंसा और पथराव की घटना सामने आई। पुलिस ने इस मामले में 28 नामजद आरोपितों और 120 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 3 महिलाएं भी शामिल हैं, और सभी आरोपित एक ही समुदाय से संबंधित हैं।
यह हिंसा समाजवादी पार्टी (सपा) और एआईएमआईएम (AIMIM) से जुड़े लोगों के बीच हुई थी। इसके बाद जिहादियों की भीड़ ने पुलिस को निशान बना कर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस ने AIMIM के प्रत्याशी के बेटे को भी हिरासत में लिया है।
आरोपितों की पहचान और आरोप
पुलिस ने जिन 28 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, उनमें शेर अली, शाह आलम, दानिश, मट्टू, गुड्डू, जब्बार, शाहनवाज, सावेज, अव्वलीन, सद्दाम, सादाब, औरंगजेब, अंजीम, दीनू, गुलशेर, शाहनजर, जावेद, परवेज, कय्यूम, इनाम, सलमान, सद्दाम-2, अनीस, मौसम, नजर, सुल्ताना बीबी, तोहिदा बीबी और तनजिला बीबी शामिल हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें गंभीर अपराधों की धाराएं भी हैं। FIR में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
दो पक्षों के बीच विवाद और पुलिस पर हमला
एफआईआर के अनुसार, मतदान के दौरान सपा और एआईएमआईएम के बीच मतदान को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों के बीच लड़ाई बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पहले तो दोनों पक्ष पुलिस के साथ गाली-गलौच करने लगे, और फिर पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस का कहना है कि आरोपितों ने जानलेवा इरादे से हमला किया और पथराव किया, जिसमें थाना प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पथराव के कारण ट्रैफिक जाम और पुलिस की कार्रवाई
पथराव के कारण मीरापुर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो गया। महिलाओं और बच्चों ने गाड़ियों में घबराकर चीखना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, और दोनों पक्षों के लोग वहां से भाग गए। ट्रैफिक जाम हटाने के बाद स्थिति सामान्य हुई। मीरापुर सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुम्बुल राणा हैं, जो पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू हैं। वहीं, एआईएमआईएम से अरशद राणा उम्मीदवार हैं।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्ति और उग्र प्रतिक्रिया
पुलिस ने अरशद राणा के बेटे को गिरफ्तार किया, क्योंकि वह मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र के पास जा रहे थे। दोनों पक्षों ने पुलिस पर हमला किया, जिसके कारण पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा। इसके बाद एसएचओ ने अपनी पिस्टल निकालकर भीड़ को खदेड़ा और चेतावनी दी कि अगर वे नहीं हटे तो गोली चला देंगे। इस घटना की सूचना मिलने पर एसएसपी ने मौके पर पहुंचकर अतिरिक्त बल भेजा।
खिलेश यादव का विरोध
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर राजनीति शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने वोटरों को डराकर उन्हें वोट डालने से रोका। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें पुलिसकर्मी महिलाओं को धमकाते हुए दिखे। उन्होंने चुनाव आयोग से एसएचओ राजीव शर्मा को तत्काल निलंबित करने की मांग की। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, और नेटिज़न्स ने आरोप लगाया कि वे मामले को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।