ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। साल 2025 में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण भारत सहित पूरे एशिया, अफ्रीका, और यूरोप के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा। सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूरी तरह से ढक लेता है। यह खगोलीय घटना बहुत ही अद्भुत होती है, जिससे आसमान में रोशनी का स्तर अचानक बदल जाता है। तो जानिए तिथि से लेकर सब कुछ।
कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 13 मिनट तक लगेगा। जो कि एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा। वह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण ही होगा।
सूर्य ग्रहण की तिथि और समय
2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा। यह ग्रहण भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इस दिन सूर्य ग्रहण का प्रारंभ 10:26 बजे (IST) से होगा, जबकि ग्रहण का अधिकतम समय 11:56 बजे (IST) होगा। ग्रहण का समापन 1:25 बजे (IST) होगा। यह ग्रहण लगभग 3 घंटे का होगा, और इस दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढका रहेगा। हालांकि, भारत के कुछ हिस्सों में यह ग्रहण पूरी तरह से दिखाई नहीं देगा, बल्कि केवल आंशिक रूप में दिखेगा।
सूतक काल
सूतक काल वह समय होता है जब सूर्य या चंद्र ग्रहण की शुरुआत से पहले और बाद में विशेष धार्मिक नियमों का पालन किया जाता है। यह समय ग्रहण के असर का होता है और खासतौर पर धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व रखता है। सूतक काल आमतौर पर ग्रहण की शुरुआत से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। 14 अक्टूबर को होने वाले सूर्य ग्रहण के लिए सूतक काल 29 मार्च को रात 10:26 बजे से शुरू होगा। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना, भोजन, और यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
सूर्य ग्रहण का प्रभाव ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न राशियों पर पड़ता है। यह ग्रहण विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिनका सूर्य राशियों से संबंधित है। ज्योतिषियों का मानना है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि मंत्र जाप और दान, जिससे ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। साथ ही यह समय आत्मनिरीक्षण और ध्यान के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।