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February Ekadashi Vrat 2025: फरवरी में कब-कब रखें जाएगे प्रदोष व्रत? यहां जानें सब कुछ

फरवरी 2025 में एकादशी व्रत दो बार पड़ेंगे। एकादशी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं और भक्तगण इन व्रतों को श्रद्धा और निष्ठा के साथ करते हैं।

Deepika Gupta
  • Feb 2 2025 11:13AM

फरवरी 2025 में एकादशी व्रत दो बार पड़ेंगे। एकादशी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं और भक्तगण इन व्रतों को श्रद्धा और निष्ठा के साथ करते हैं। एकादशी का व्रत हर माह में दो बार आता है—एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस वर्ष फरवरी में दोनों एकादशी व्रत की तारीखें और मुहूर्त निम्नलिखित हैं।

फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त  

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत रविवार, 9 फरवरी 2025 को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर होगा। वहीं तिथि कै समापन अगले दिन सोमवार, 10 फरवरी को शाम 8 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए फरवरी में पहला प्रदोष व्रत रविवार, 9 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन भोलेनाथ की पूजा के शुभ मुहूर्त की शुरुआत शाम 7 बजकर 25 मिनट से लेकर 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस दिन भक्तों को पूजा के लिए कुल 1 घंटे 17 मिनट का समय मिलेगा।

फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त 

फरवरी का दूसरा प्रदोष प्रदोष व्रत यानी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत 25 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर 8 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। वहीं भक्तों को पूजा करने से लिए कुल 2 घंटे 30 मिनट का समय भी मिलेगा।

व्रत की विधि

स्नान और पूजा: एकादशी व्रत की शुरुआत दिन में स्नान करके की जाती है। फिर भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए।

उपवास: उपवास रखकर इस दिन अनाज, फल, और जल का सेवन किया जाता है। यदि व्रति पूरी तरह से उपवास नहीं रख सकते तो वे फलाहार कर सकते हैं।

मंत्र जाप: इस दिन भगवान विष्णु के 108 नामों या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करने से पुण्य प्राप्त होता है।

दूसरे दिन का पारण: एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण करके व्रति अपना उपवास समाप्त करते हैं।

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