जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के बेहीबाग क्षेत्र में आज यानी सोमवार को आतंकवादियों ने रिटायर्ड लांस नायक मंजूर अहमद के परिवार पर हमला किया। हमलावरों ने दोपहर करीब 2:45 बजे अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे मंजूर अहमद की मौत हो गई और उनकी पत्नी आइना तथा बेटी साइना घायल हो गए। घायल परिवार को श्रीनगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मंजूर अहमद की मौत हो गई। उनकी पत्नी और बेटी का इलाज अभी भी जारी है।
घटना का विवरण
हमले के दौरान, मंजूर अहमद और उनका परिवार कार में यात्रा कर रहा था, जब आतंकियों ने पास से गोलीबारी की। मंजूर अहमद को पेट में गोली लगी, जबकि उनकी पत्नी के पैर और बेटी के हाथ में गोली लगी। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश जारी है।
CM उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, "कुलगाम में पूर्व सैनिक मंजूर अहमद की हत्या से मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं उनकी घायल पत्नी और बेटी के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। इस प्रकार की हिंसा हमारे समाज में किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती और इसकी सख्त निंदा की जानी चाहिए।"
पिछले घटनाक्रमों पर नजर
30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों ने LoC से घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे सुरक्षाबलों ने विफल कर दिया। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया था। एक आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की ओर भागने में सफल रहा।
इसके अलावा, 19 जनवरी को कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, हालांकि दोनों आतंकी भागने में सफल हो गए थे।
सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाइयाँ
19 दिसंबर 2024 को कुलगाम जिले के कद्देर इलाके में एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया था, जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक अहमद भट्ट भी शामिल था। इस मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे।
जम्मू में आतंकी नेटवर्क की सक्रियता
हाल के दिनों में जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का लोकल नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है। पहले ये नेटवर्क आतंकियों को सामान सप्लाई करते थे, अब ये गांवों में आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और अन्य आवश्यक चीजें प्रदान कर रहे हैं। दिसंबर 2024 में सुरक्षा बलों ने 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया था, जिन्होंने बताया कि ये नेटवर्क जम्मू के विभिन्न जिलों में फैल चुका है।
आतंकी गतिविधियों में वृद्धि
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य के अनुसार, आर्टिकल 370 हटने के बाद से पाकिस्तान की सेना और ISI ने जम्मू को अपना निशाना बना लिया है और इस नेटवर्क को सक्रिय किया है। इनकी मदद से आतंकवादियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए थे।