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5 माह में 9000.. शादी या निकाह ? गाजियाबाद में रायबरेली जैसा मामला... विदेशी कनेक्शन भी भी आहट

गाजियाबाद में विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है।

Deepika Gupta
  • Mar 7 2025 12:09PM

गाजियाबाद में विवाह पंजीकरण को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले 5 महीनों में 9000 से ज्यादा शादियों का पंजीकरण किया गया है, जो प्रशासन के लिए हैरानी का कारण बन गया है। इन पंजीकरणों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें शादी के तुरंत बाद दंपत्ति विदेश चले गए। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इस पर जांच शुरू कर दी है और 9 अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की गई है, जो इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।

यह मामला तब सामने आया, जब उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि शादियों के पंजीकरण में कुछ गड़बड़ी हो सकती है, खासकर उन मामलों में जहां दंपत्ति शादी के बाद विदेश यात्रा पर निकल जाते हैं। कोर्ट ने इस मामले पर जवाब तलब करते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद प्रदेश के महानिरीक्षक निबंधन अमित गुप्ता ने 9 अधिकारियों की एक समिति गठित की, जो इस मामले की जांच करेगी।

जांच समिति का कार्यक्षेत्र और समयसीमा

समिति अक्टूबर 2024 से लेकर 3 मार्च 2025 तक हुए सभी विवाह पंजीकरण की जांच कर रही है। यह जांच पहली बार की जा रही है जब विवाह पंजीकरण को लेकर इतनी बड़ी और गहरी जांच की शुरुआत की गई है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि क्या इन शादियों के पंजीकरण में कोई अनियमितताएं या धोखाधड़ी तो नहीं हुई है। खासकर उन मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां शादियों के तुरंत बाद दंपत्ति विदेश यात्रा पर निकल गए थे।

प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, यह जांच इसलिए की जा रही है क्योंकि कई मामलों में यह देखा गया है कि शादी के पंजीकरण के बाद दंपत्ति का विदेश जाना संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है। कुछ मामलों में तो यह भी सामने आया कि दंपत्ति ने शादी के बाद विदेश में बसने का निर्णय लिया था, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या इन शादियों के पीछे कोई वैध कारण था या फिर यह किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया गया था।

जांच समिति का गठन और उद्देश्य

समिति का गठन इस लिए किया गया है ताकि हर पंजीकरण का बारीकी से विश्लेषण किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि विवाह पंजीकरण पूरी तरह से पारदर्शी और सही तरीके से हुआ है। इसमें यह भी देखा जाएगा कि कहीं किसी तरह की धोखाधड़ी या गलत तरीके से पंजीकरण तो नहीं हुआ है, जिससे कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

जांच समिति में कौन-कौन अधिकारी हैं शामिल

इस समिति में मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर के अधिकारी शामिल हैं। प्रमुख अधिकारी इस प्रकार हैं:

मनोज कुमार – उप महानिरीक्षक निबंधन, मेरठ (अध्यक्ष)

पुष्पेंद्र कुमार यादव – सहायक महानिरीक्षक, गाजियाबाद

नवीन एस शर्मा – सहायक महानिरीक्षक, मेरठ 

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