राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है। RSS का कहना है कि दुनिया भर के देशों और हिंदू समाज को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
22 मार्च को RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश में जारी हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में दुनिया भर के संस्थाओं से बांग्लादेश में दमन झेल रहे हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाने की अपील की गई है।
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा सुनियोजित हिंसा
बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा हो रही सुनियोजित हिंसा और उत्पीड़न को लेकर RSS ने गहरी चिंता जताई है। मठों, मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शिक्षण संस्थानों पर आक्रमण, मूर्तियों का अपमान, हत्याएं, संपत्ति की लूट, और महिलाओं के साथ अत्याचार जैसी घटनाओं का जिक्र किया गया है। RSS का कहना है कि इन घटनाओं को केवल राजनीतिक नजरिए से देखना गलत होगा, क्योंकि इनका अधिकतर शिकार हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हैं।
बांग्लादेश में हिंदू आबादी की घटती संख्या
RSS ने यह भी बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की संख्या लगातार घट रही है। 1951 में हिंदू आबादी 22 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 7.95 प्रतिशत रह गई है। यह दर्शाता है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अस्तित्व संकट का सामना कर रहा है। इसके अलावा, पिछले साल की हिंसा और घृणा में सरकारी और संस्थागत समर्थन का मुद्दा भी उठाया गया।
भारत विरोधी बयानबाजी पर चिंता
RSS ने कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियों पर आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच टकराव और अविश्वास का माहौल बना रही हैं। संगठन ने भारत और पड़ोसी देशों के सांझे इतिहास और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया है।
हिंदू समाज का साहसिक विरोध
RSS ने बांग्लादेश में हिंदू समाज की शांति और लोकतांत्रिक तरीके से किए गए विरोध की सराहना की है। बांग्लादेशी हिंदू समाज ने हिंसा का मुकाबला साहसिक तरीके से किया है, और इसके साथ ही भारत और दुनिया भर के हिंदू संगठनों ने उन्हें समर्थन दिया है।
भारत सरकार का बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में प्रयास
भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा की आवश्यकता को स्वीकार किया है और इस मुद्दे को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। RSS ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेशी हिंदू समाज की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहे।
संयुक्त राष्ट्र से अपील
RSS ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अमानवीय व्यवहार को गंभीरता से संज्ञान में लेने और बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक घटनाओं को रोकने का दबाव बनाने की अपील की है। साथ ही, RSS ने अन्य देशों के नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से भी बांग्लादेशी हिंदू समाज के समर्थन में अपनी आवाज उठाने की अपील की है।