एक सामान्य नागरिक से सिपाही बनने का सफर एक अद्वितीय यात्रा है और आयुष विश्वकर्मा के लिए यह रास्ता समर्पण, अनुशासन और अडिग संकल्प से भरा हुआ रहा है। शिलांग के छोटे से कस्बे लाबन के रहने वाले आयुष का देश कि सेवा का सपना अब साकार हुआ है और इसके लिए उन्हें 119 इंफेंट्री बटालियन (टेरीटोरियल आर्मी) असम, शिलांग द्वारा दी गई कठोर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन का ही परिणाम है।
आयुष की यात्रा इस यूनिट के समर्पण और युवाओं को साहस, नेतृत्व और दृढ़ता के मूल्यों में ढालने के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बटालियन के अमूल्य मार्गदर्शन के साथ, अब उन्हें भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA)चेन्नई में SSC(Non-Tech)-121 कोर्स में शामिल होने का अद्वितीय अवसर प्राप्त हुआ है।
एक क्षमता को समर्पित योद्धाओं के रुप में बदल दिया जाता है। 119 इंफ. बटालियन (TA)असम, शिलांग के अधिकारी वयुवा आकांक्षी से एक गर्वित और प्रेरित सिपाही में उनका परिवर्तन टेरीटोरियल आर्मी के आदर्शों का प्रतीक है, जहां सामान्य कर्मचारी उनकी इस उपलब्धि पर अत्यधिक गर्व महसूस कर रहें हैं और इस प्रतिष्ठित यात्रा की शुरुआत पर उन्हें हार्दिक बधाई दी।
यूनिट, आयुष विश्वकर्मा के अथक प्रयासों के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं देती है साथ ही आश्वस्त है कि वे भारतीय सेना के मूल्यों का पालन करते हुए देश सेवा में सम्मान और गौरव के साथ कार्य करेंगे।