भारतीय न्यायपालिका की सबसे ऊँची कुर्सी पर बैठ चुके पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ अब एक बड़े विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। पटना हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार ने उनके खिलाफ सीधे राष्ट्रपति को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग कर दी है। आरोप है कि चंद्रचूड़ ने न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए एक संवेदनशील मामले को लेकर "असामान्य तत्परता" दिखाई थी।
पूर्व जज राकेश कुमार ने यह गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व CJI ने एक जुलाई 2023 को छुट्टी के दिन ही तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर दो अलग-अलग विशेष पीठ गठित कर डाली। इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि इस कार्यवाही में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और प्रक्रियाओं की अनदेखी हुई।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस को यह अधिकार होता है कि वे किसी भी केस को किस पीठ में और कब सुना जाएगा, यह तय करें — उन्हें 'मास्टर ऑफ रोस्टर' कहा जाता है। लेकिन राकेश कुमार का आरोप है कि इस विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए चंद्रचूड़ ने न्यायिक निष्पक्षता को ठेस पहुंचाई।
छुट्टी के दिन क्यों हुई सुनवाई?
शिकायत में कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के कारण बंद था और तीन जुलाई को पुनः खुलने वाला था, तब एक जुलाई (शनिवार) को ही सीतलवाड़ की याचिका पर तत्काल सुनवाई क्यों की गई? इतना ही नहीं, जब पहली पीठ ने जमानत पर एकमत नहीं होकर मामला बड़ी पीठ को भेजा, तो उसी दिन दूसरी पीठ का गठन कर दोबारा सुनवाई क्यों कराई गई?
ये वही जज हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार पर उठाई थी आवाज
राकेश कुमार वही पूर्व न्यायाधीश हैं जिन्होंने 2019 में पटना हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार पर खुलकर टिप्पणी की थी। इसके कुछ समय बाद ही उनका आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था। अब उन्होंने फिर से न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर आवाज बुलंद की है।
पूर्व CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे, और यह शिकायत 8 नवंबर को राष्ट्रपति को भेजी गई थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति भवन से क्या रुख अपनाया जाता है और क्या CBI को इस मामले में औपचारिक जांच का आदेश दिया जाएगा।