उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भारत-नेपाल सीमा पर पसरे अवैध और बिना मान्यता वाले मदरसों पर बड़ा प्रहार किया है। सोमवार को श्रावस्ती और बहराइच जिलों में 20 मदरसों को सील कर दिया गया। इन तथाकथित मदरसों ने कानून का मखौल उड़ाते हुए वर्षों से जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा था। अब तक कुल 127 रकबे जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है।
श्रावस्ती जिले में 16 अवैध मदरसों पर कार्रवाई की गई। तहसील भिनगा क्षेत्र के मदरसा अहले सुन्नत गुलशने रजा हरिहरपुररानी, मदरसा अरबिया अहले सुन्नत समसुल उलूम मेड़किया और मदरसा गाजिया गुलशन रजा फाउंडेशन सहित अन्य को वैध कागजात न दिखा पाने के कारण बंद करा दिया गया। तहसील इकौना और जमुनहा में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई और अब तक 32 मदरसे ध्वस्त किए जा चुके हैं।
बहराइच में भी बेनकाब हुए फर्जी मदरसे
बहराइच जिले में भी सख्त जांच अभियान के तहत सात मदरसों की छानबीन हुई, जिनमें से चार मदरसों को नियमों के उल्लंघन पर तत्काल सील कर दिया गया। इन मदरसों के छात्र हाईस्कूल में पढ़ने के बावजूद अपना नाम तक अंग्रेजी में नहीं लिख पाए, जिससे इनकी शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। इतना ही नहीं, एक मदरसे में दिन के उजाले में तंत्र-मंत्र के लिए दीपक जलता हुआ मिला, जिससे इनके असली इरादों का पर्दाफाश हो गया।
सीमावर्ती इलाकों में चल रहे थे साजिशी अड्डे
भारत-नेपाल सीमा के 15 किमी के दायरे में बने इन अवैध मदरसों का मकसद शिक्षा से अधिक कुछ और ही नजर आ रहा था। सुरक्षा एजेंसियों को पहले से शक था कि ये संस्थान अवैध गतिविधियों के अड्डे बनते जा रहे हैं। अब जब जमीनी कार्रवाई शुरू हुई है तो इन मदरसों के पीछे छिपी कई खतरनाक सच्चाइयाँ सामने आ रही हैं।
यह कार्रवाई न केवल अवैध कब्जाधारियों को सबक सिखाने के लिए की गई है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को भी पुख्ता करने के लिए उठाया गया कठोर कदम है। सरकार का साफ संदेश है कि नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।