आज यानी 18 अक्टूबर को नवरात्र का चौथा दिन है. नवरात्रि के सभी नौ दिन माता के नौ स्वरूपों को समर्पित होते हैं. ऐसे में आज यानी नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा सूर्य देव को प्रदर्शित करती हैं. कुष्मांडा देवी ने ही ब्रह्मांड को उत्पन्न कियी था. माता का नाम ही उसकी मुख्य भूमिका का संकेत देता है. माता का नाम कई शब्दों से मिलकर बना है. कुष्मांडा नाम में कू का अर्थ है "थोड़ा सा", उष्मा का अर्थ है "ऊर्जा" और अंडा का अर्थ है "ब्रह्मांडीय अंडा".
मान्यताओं के अनुसार जब ब्रह्मांड अस्तित्व में भी नहीं था, तब माता ने अपनी मंद मुस्कान से इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी. इसी कारण माता को आदिशक्ति और आदिस्वरूपा भी कहा जाता है. मां कुष्मांडा अनाहत च्रक को नियंत्रित करती हैं.