मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानी भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी के बलिदान दिवस- 23 मार्च पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ मोहन यादव ने कहा कि इन वीर सपूतों का बलिदान देश की आत्मा में बसा हुआ है और आने वाली पीढ़ियों को हमेशा राष्ट्रभक्ति और साहस की प्रेरणा देता रहेगा।
CM मोहन यादव ने कहा कि, "आज का दिन एक विशेष दिन है, युवाओं के आदर्श रहे बलिदानी भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी, जिन्होंने अपने आप को फांसी से बलिदान दे कर प्रेरणपुंज बनें। भारत के युवा सहित पूरा भारत आजादी के दीवानों को याद रखेगा। भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उसके प्रति हम नतमस्तक रहेंगे। भारतवर्ष सदैव उनके बलिदान को याद रखेगा। 23 मार्च का दिन सचमुच अद्भुत दिन है।"
‘शहीद’ नहीं, ‘बलिदानी’ कहें...
इसके साथ ही संघ और BJP के लिए कार्य कर चुके सुनील देवधर ने बलिदानी दिवस के अवसर पर अपने एक वीडियो में बताया कि, सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ‘शहीद’ नहीं, ‘बलिदानी’ या ‘हुतात्मा’ कहें। उन्होंने बताया कि, इस्लाम में जिहाद करते हुए जब कोई मारता है तब उसे 'शहीद' कहते हैं। भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी के बलिदान का अपमान हम जाने-अनजाने में तब करते हैं जब हम उन्हें 'शहीद' कहते हैं। किसी मजहब के लिए जिहाद करने के लिए उन्होंने अपना बलिदान नहीं दिया था।
सुनील देवधर ने आगे कहा, भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी ने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च कोटी का बलिदान दिया था, फांसी के फंदे को हँसते-हँसते कहूं लिया। इसलिए उनके लिए शहीद शब्द का कतई प्रयोग ना करें।