दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के मामले में रेलवे से अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करने और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री की समीक्षा करने को कहा है। कोर्ट ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड को उच्चतम स्तर पर जांच करने का आदेश दिया है।
कोर्ट का निर्देश: जांच उच्चतम स्तर पर होगी
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने आदेश दिया कि इस मामले में उठाए गए मुद्दों की गहन जांच की जाए। यह जांच रेलवे बोर्ड के उच्चतम स्तर पर की जाएगी और इसके बाद प्रतिवादी द्वारा हलफनामा दायर किया जाएगा, जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा लिए जा सकने वाले निर्णयों का विवरण दिया जाएगा।
अगली सुनवाई 26 मार्च को
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जनहित याचिका केवल हालिया भगदड़ की घटना तक सीमित नहीं है। इसमें डिब्बों में यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रविधियों के कार्यान्वयन की मांग की गई है। कोर्ट का कहना है कि अगर इन कानूनी प्रविधियों का सही तरीके से पालन किया जाता, तो भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सकता था। इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार होगा
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है और इस मुद्दे को विरोधात्मक तरीके से नहीं लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जनहित याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा।
जनहित याचिका में नए निर्देश की मांग
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में केंद्र और अन्य अधिकारियों से 2014 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी रिपोर्ट के तहत सामूहिक सभाओं और कार्यक्रमों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।