उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कमिश्नर (मंडलायुक्त) कोर्ट ने एक कथित तौर पर अवैध बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। मस्जिद का नाम अबू हुरैरा है जो शहर के घोष कंपनी क्षेत्र में बनी है। 15 फरवरी 2025 को गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने इसे ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था। तब मस्जिद कमेटी को 15 दिनों का समय दे कर इसे अपने हाथ से गिरा लेने के निर्देश दिए गए थे।
यह मामला गोरखपुर के घोष कम्पनी चौराहे का है। यहाँ बनी 3 मंजिला अबू हुरैरा मस्जिद को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने लम्बी सुनवाई के बाद अवैध पाया था। मस्जिद कमेटी की तमाम दलीलों में दम न पाए जाने पर GDA ने 15 फरवरी 2025 को अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले में मस्जिद कमेटी को 15 दिनों का समय दे कर अवैध निर्माण को खुद ही गिरा लेने के आदेश दिए गए थे। तय सीमा से अधिक हो जाने पर GDA द्वारा कार्रवाई की बात कही गई थी।
इस फैसले के बाद मस्जिद कमेटी फ़ौरन हरकत में आई। 15 दिनों की तय सीमा के अंदर ही ऊपर की 2 मंजिलों को तोड़ दिया गया। मीनारों की ऊँचाई को भी कम कर दिया गया। यह कार्रवाई देखते हुए माना जा रहा था कि पूरा अवैध निर्माण जल्द ही हटा लिया जाएगा। इसी बीच मस्जिद कमेटी के सदस्यों गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के फैसले को मंडलायुक्त (कमिश्नर) की कोर्ट में चुनौती दी।
यहाँ मस्जिद कमेटी को बड़ी राहत मिली और गोरखपुर विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लग गई। गोरखपुर के कमिश्नर IAS अनिल ढींगरा की अदालत ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि मस्जिद GDA की सुनवाई में शामिल हो। अब प्राधिकरण पूरी सुनवाई के बाद ही मामले को निस्तारित करेगा। इस बीच मस्जिद कमेटी मस्जिद कमेटी ढाँचे का नक्शा पास करवाने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण में आवेदन करने जा रही है। यदि यह नक्शा स्वीकृत हो जाता है तो मस्जिद का बचा हिस्सा वैध मान लिया जाएगा।