प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "आज जब मैं आप सबका स्वागत कर रहा हूं, तो मैं ये अकेला नहीं कर रहा हूं, मैं ये नहीं कर सकता। मैं आप सबका स्वागत सभी किसानों, मछुआरों, स्वयं सहायता समूहों की 10 करोड़ महिलाओं, 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाओं की तरफ से करता हूं।" आगे प्रधानमंत्री ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। भारत में हम सहकारिता आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें भारत की भावी सहकारी यात्रा के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही, भारत के अनुभवों के माध्यम से वैश्विक सहकारी आंदोलन को 21वीं सदी के उपकरण और नई भावना मिलेगी।"
Global Conference of the International Cooperative Alliance का आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है। भारत में इस समय हम Conference movement को नया विस्तार दे रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस Conference के माध्यम से भारत की Future corporate journey के लिए जरूरी insight मिलेगी और साथ ही भारत के अनुभवों से Global Cooperative movement को भी 21वीं सदी के नए Tools और spirit मिलेंगे।
हम 'सहयोग से समृद्धि' के मंत्र पर चल रहे हैं। आज भारत में लगभग 8 लाख सहकारी समितियां हैं यानी हर चौथी सहकारी समिति भारत में है। उनका दायरा उनकी संख्या की तरह ही विविध और व्यापक है। सहकारी समितियाँ लगभग 98% ग्रामीण भारत को कवर करती हैं। लगभग 30 करोड़ लोग सहकारी क्षेत्र से जुड़े हैं।
आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है। इससे आर्थिक सशक्तिकरण में तो मदद मिली ही साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला। ग्रामीण भारत के करीब 98% हिस्से को सहयोगी कवर करती है। करीब 30 करोड़ लोग यानी भारत में हर पांच में से एक भारतीय सहकारिता सेक्टर से जुड़ा है। आज भारत में लगभग 2 लाख आवास सहकारी समितियां हैं।