बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के वरिष्ठ सदस्य चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से उन्हें उठाकर अज्ञात जगह ले गई है।
रंगपुर में हिंदू समर्थन रैली
22 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था। रैली में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था। माना जा रहा है कि इसी रैली के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई।
बांग्लादेश सरकार पर हिंदुओं को बांटने का आरोप
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश सरकार पर आरोप लगाया था कि वह हिंदू समुदाय को आपस में बांटने की साजिश कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की थी। उनका कहना था कि कट्टरपंथी संगठन, जमात ए इस्लामी, इस्कॉन और उसके भक्तों को धमकियां दे रहे हैं, जिसके खिलाफ उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया था।
हिंदू समुदाय की असुरक्षा का सवाल
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के बाद मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मिलकर अब तक उन मंदिरों को बचाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया था कि कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भारत के पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा के रास्ते पलायन कर रहे हैं।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर देशद्रोह का आरोप
इस साल अक्टूबर में बांग्लादेश सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर देशद्रोह का आरोप लगाया था। इसके अलावा, हिंदू संगठनों से जुड़े अन्य कई कार्यकर्ताओं और नेताओं पर भी केस दर्ज किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि चिन्मय प्रभु के अलावा 19 अन्य हिंदू नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी विभिन्न मामले दर्ज किए गए हैं।