2025 का संस्करण भारतीय नौसेना का प्रमुख थियेटर स्तर परिचालन अभ्यास (TROPEX), जो वर्तमान में भारतीय महासागर क्षेत्र में चल रहा है। यह परिचालन स्तर का अभ्यास हर दो साल में एक बार आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय नौसेना की सभी परिचालन इकाइयां, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल के महत्वपूर्ण उपकरणों का योगदान होता है।
TROPEX-25 का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना के मुख्य युद्धक कौशल को सत्यापित करना और एक समन्वित, एकीकृत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है, ताकि एक विवादित समुद्री वातावरण में पारंपरिक, विषम और हाइब्रिड खतरों के खिलाफ राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा हितों की रक्षा की जा सके।
अभ्यास की अवधि और चरण
TROPEX-25 का अभ्यास जनवरी से मार्च 2025 तक तीन महीने की अवधि में आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास विभिन्न चरणों में आयोजित हो रहा है - जिनमें बंदरगाह और समुद्र दोनों में युद्धाभ्यास, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्धाभ्यास, संयुक्त कार्य चरण के दौरान जीवित अस्त्रों की फायरिंग और उभयचर अभ्यास (AMPHEX) शामिल हैं।
नौसेना और अन्य सेवाओं की भागीदारी
इस अभ्यास में लगभग 65 भारतीय नौसेना के जहाज, 09 पनडुब्बियां और 80 से अधिक विभिन्न प्रकार के विमान शामिल हैं, जिन्हें जटिल समुद्री परिचालन परिदृश्यों में डाला गया है ताकि नौसेना की परिचालन अवधारणा को सत्यापित और परिष्कृत किया जा सके, जिसमें अग्रिम तैनाती, सैन्य सेवाओं के साथ इंटरऑपरेबिलिटी और अन्य सेवाओं के साथ समन्वय शामिल हैं।
नौसेना के प्रमुख प्लेटफार्म और उपकरण
TROPEX-25 में स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत, अत्याधुनिक विशाखापत्तनम और कोलकाता वर्ग के विध्वंसक, कालवरी वर्ग की पनडुब्बियां और मिग-29K, P-8I, HALE Sea Guardian और MH-60R हेलीकॉप्टर जैसे विमान शामिल हैं।
सैन्य सेवाओं का संयुक्त योगदान
समन्वय और संयुक्तता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इसमें सुखोई-30, जगुआर, C-130, फ्लाइट रिफ्यूलर, AWACS विमान, 600 से अधिक सैनिकों के साथ एक इन्फेंट्री ब्रिगेड और 10 से अधिक तटरक्षक बल के जहाज और विमान शामिल हैं।
समन्वित योजना और सटीक लक्ष्य निर्धारण
वर्षों के साथ इस अभ्यास का दायरा और जटिलता बढ़ी है। TROPEX-25 समन्वित योजना, सटीक लक्ष्य निर्धारण, युद्ध प्रभावशीलता और एक विश्वसनीय संयुक्त संचालन में एक कदम आगे है। इसका उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय समुद्री हितों की सुरक्षा करना है, चाहे जो भी स्थिति हो, कहीं भी, कभी भी।