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Surajkund Mela 2025: सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला का CM नायब सिंह सैनी ने किया शुभारंभ, भारत की सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक एकता का अनुपम संगम

दिल्ली मेट्रो ऐप से सूरजकुंड मेले का टिकट प्राप्त करें, इस बार 648 प्रतिभागी और 42 देशों की कला का शानदार प्रदर्शन।

Ravi Rohan
  • Feb 7 2025 5:43PM

दिल्ली के जनपथ स्थित नेशनल सेंटर फॉर हेरिटेज टेक्सटाइल (हैंडलूम हाट) में आयोजित राष्ट्रीय हैंडलूम एक्सपो (गांधी बुनकर मेला) में भारतीय हस्तकला और हथकरघा की समृद्ध परंपराओं का अद्वितीय प्रदर्शन किया जा रहा है। इस एक्सपो में पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ देश के 12 राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का भव्य प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनी 6 फरवरी से 19 फरवरी तक चलेगी और इसमें प्रवेश निःशुल्क है।

नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की पहल

यह आयोजन नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा, केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त के सहयोग से आयोजित किया गया है। प्रदर्शनी में कुल 80 स्टॉल लगाए गए हैं, जो विभिन्न अंचलों की हस्तकला और हथकरघा के अद्वितीय उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं।

शिल्पकारों की सृजनशीलता और सांस्कृतिक धरोहर का संगम

इस एक्सपो में शिल्पियों की मेहनत और सांस्कृतिक धरोहर का प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया है। इसमें कारीगरों के द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित उत्पादों का संगम देखने को मिल रहा है, जो भारतीय कला, परंपरा और सृजनशीलता को प्रदर्शित करते हैं।

स्थानीय उद्यमियों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक

यह प्रदर्शनी स्थानीय उद्यमियों और महिला कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। इसमें महिला समूहों द्वारा बनाए गए पापड़, अचार, बड़ी (विशेष खेती) और हस्तशिल्प के उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए हैं, जो छोटे लघु उद्यमों को बड़े मंच प्रदान कर रहे हैं।

प्रदर्शनी का उद्घाटन और गणमान्य अतिथि

प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसमें भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के हथकरघा विकास आयुक्त डॉ. एम. बीणा, नागालैंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष प्रसीली पिएन्यु और अन्य प्रमुख अतिथि उपस्थित थे। डॉ. एम. बीणा ने इस मौके पर कहा कि भारतीय हस्तकला और हथकरघा उद्योग हमारे सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक हैं और पूर्वोत्तर की कला ने इस उद्योग को समृद्ध किया है।

केंद्र सरकार और नागालैंड का योगदान

नागालैंड के अध्यक्ष प्रसीली पिएन्यु ने भी इस आयोजन के महत्व को स्वीकार किया और कहा कि इस तरह के आयोजनों से शिल्पकारों को नई तकनीकें अपनाने और बेहतर संवाद स्थापित करनेका मौका मिलता है। साथ ही, यह छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करके रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करता है।

हस्तशिल्प और हथकरघा के आकर्षण

प्रदर्शनी में मेघालय, मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, सिक्किम सहित विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों ने अपनी कृतियों का प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनी में झूले और पारंपरिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल बच्चों और दर्शकों के लिए खास आकर्षण बने हुए हैं।

उद्यमियों से संवाद और प्रोत्साहन

मुख्य अतिथि डॉ. एम. बीणा ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कारीगरों से संवाद किया। उन्होंने कारीगरों की कृतियों की सराहना करते हुए उन्हें और भी प्रेरित किया। यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग के गौरव का जीवंत प्रतिबिंब है।


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