महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी उपाय सुझाएगी। समिति के अध्यक्ष के रूप में महाराष्ट्र के डीजीपी को नियुक्त किया गया है।
इस समिति में महाराष्ट्र के डीजीपी के अलावा महिला एवं बाल कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, कानून और न्यायपालिका विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, विशेष सहायता विभाग के सचिवों के साथ गृह विभाग के उप-सचिव को भी शामिल किया गया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को इस समिति के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। समिति का मुख्य कार्य लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाना होगा। इसके अलावा, समिति अन्य राज्यों में इस प्रकार के कानूनों का अध्ययन करेगी और उन्हें महाराष्ट्र में लागू करने के प्रावधान भी सुझाएगी। समिति इन घटनाओं के कानूनी पक्ष पर भी सलाह देगी।
लव जिहाद का टर्म अक्सर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और संगठनों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। आरोप यह है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं से शादी कर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरण करने के लिए दबाव डालते हैं।
लव जिहाद की एक लाख से अधिक शिकायतें मिली- फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अक्टूबर 2024 में यह दावा किया था कि राज्य में लव जिहाद की एक लाख से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले इस मुद्दे को कुछ एक घटनाओं तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब एक लाख से अधिक शिकायतें मिलना इस बात का प्रमाण है कि यह एक संगठित साजिश हो सकती है।
उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कानून
लव जिहाद के खिलाफ सबसे पहले उत्तर प्रदेश में कानून बनाया गया था, जिसमें दोषी को 20 साल की सजा का प्रावधान है। इसके बाद गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और असम में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बन चुके हैं। अब महाराष्ट्र भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है।