प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान कल यानी 3 फरवरी को किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़ेंगे। महाकुंभ में पहले ही दो अमृत स्नान हो चुके हैं, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पुण्य अर्जित किया। अब आखिरी अमृत स्नान की तैयारियां जोरों पर हैं।
अमृत स्नान का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि माना जाता है कि इन खास तिथियों पर गंगा का जल विशेष पुण्य और मुक्ति देने वाला होता है। यही कारण है कि इन तिथियों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में संगम में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। प्रशासन की ओर से पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के लिए बठैने और स्नान के लिए अलग-अलग स्थानों की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा, महाकुंभ में आस्था का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है, जहां लाखों लोग अपने धार्मिक विश्वासों के साथ संगम में स्नान कर रहे होते हैं। कल के अमृत स्नान के साथ ही महाकुंभ 2025 की ये महत्वपूर्ण तिथियां समाप्त हो जाएंगी, लेकिन कुंभ के इस पवित्र आयोजन की यादें श्रद्धालुओं के दिलों में हमेशा बनी रहेंगी।
महाकुंभ तीसरे अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट से 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पवित्र संगम में स्नान स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके बाद भी लोग पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं।
तीसरे अमृत स्नान के दिन राहुकाल का समय
बता दें कि 3 फरवरी 2025 के दिन राहुकाल का समय सुबह 8 बजकर 30 मिनट से लेकर 9 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, इसलिए इस अशुभ काल में संगम में अमृत स्नान करने से बचें।