अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार शाम को कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और इसके साथ ही अमेरिका और इन देशों के बीच एक व्यापार युद्ध की शुरुआत हो गई है। इस व्यापारिक टकराव का असर भविष्य में अन्य देशों तक भी फैल सकता है।
कनाडा और मेक्सिको पर भारी शुल्क
कनाडा और मेक्सिको से आने वाली वस्तुओं पर 25% का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। वहीं, चीन से आयातित सामानों पर 10% शुल्क बढ़ाया गया है। खास बात यह है कि कनाडा से आयातित तेल पर सिर्फ 10% का शुल्क लागू होगा, जो अपेक्षाकृत कम है।
भारत को छोड़कर, अन्य देशों पर बढ़ेगा शुल्क
ट्रंप ने जिन देशों से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने की बात की, उनमें भारत का नाम शामिल नहीं किया है। इसके बावजूद, ट्रंप ने इस निर्णय का कारण उच्च व्यापार घाटे को बताया है। अमेरिकी प्रशासन जल्द ही कंप्यूटर चिप्स, फार्मास्यूटिकल्स, स्टील, एल्युमीनियम, तांबा, तेल और गैस के आयात पर भी नए शुल्क लगाने का विचार कर रहा है। यूरोपीय देशों पर भी ऐसे ही शुल्क लगाए जा सकते हैं।
चीन का सबसे बड़ा योगदान
रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (RIS) के अनुसार, चीन, मैक्सिको और कनाडा अमेरिकी व्यापार घाटे में सबसे अधिक योगदान देने वाले देश हैं। चीन का योगदान 30.2%, मैक्सिको का 19% और कनाडा का 14% है। वहीं, भारत इस सूची में नौवें स्थान पर है।
नए शुल्क से व्यापारिक समीकरण बदल सकते हैं
इस बढ़े हुए शुल्क से अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव की संभावना बढ़ गई है, जो वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप प्रशासन के फैसले से वैश्विक व्यापार के नए समीकरण बन सकते हैं, जो आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।