अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल कुछ दिन ही बाकी है. अब जल्द ही रामभक्तों का इंतजार खत्म होने वाला है. 22 जनवरी को आने में अब केवल पांच दिन ही बचे है. सभी लोग इस अवसर में शामिल होने के लिए बेस्रबी से इंतजार कर रहे है. अब उनका यह इंतजार खत्म होने वाला है.बता दें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के कई दिग्गजों को आमंत्रण भी भेजा जा रहा है.
ऐसे में यदि आप इस दिन अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही रहकर भगवान राम की पूजा के साथ आरती और चालीसा का पाठ कर सकते हैं. प्रभु श्री राम की आरती और चालीसा का पाठ करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. बताया जाता है की सनातन धर्म में भगवान श्री राम और माता सीता के लाखों भक्त हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान राम श्री हरि के के अवतार माने जाते हैं. इतना ही नहीं, शास्त्रों में भी राम से बड़ा राम के नाम की महिमा बताई गई है. प्रभु श्री राम के नाम को लेकर कहा जाता है कि भगवान श्री राम का नाम लेने मात्र से ही जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
रामलला की पूजा में करें इन चीजों को शामिल
रामलला को पूजा करने के लिए कई अलग-अलग नियम से पूजा-पाठ की जाती है. इसमें से सबसे महत्वपूर्ण पूजा-पाठ करने तरीके बताया जाता है की घर में पूजा करने का स्थान ईशान कोण में ही होना चाहिए. उत्तर और पूर्व दिशा के बीच का भाग होता है ईशान कोण. इस कोण को शुभ कार्यों के लिए सबसे उत्तम दिशा माना जाता है. इसी दिशा में आप पूजा के लिए मंदिर स्थापित करें. घर के इस हिस्से को हमेशा साफ-सुथरा बनाए रखें. पूजा की सामग्री में सुपारी, मौली, कुमकुम, अक्षत, गंगाजल, तांबे के लोटे में जल, श्रीराम जी की प्रतिमा, देसी घी, धूपबत्ती, चंदन, फूल, फल, मिठाई, कपूर, घंटी, पूजा थाली, अगरबत्ती आदि जरूर रखें.
कैसे करें घर पर रामलला की पूजा
जो लोग रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो सकते है. वह रामलला के पूजा के लिए घर के मंदिर को पुरानी चीजों को हटाकर अच्छी तरह से साफ कर लें. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी. इसके अलावा विधि अनुसार पूजा करने के लिए आप किसी पंडित को भी घर बुलाकर पूजा करा सकते हैं. पूजा की शुरुआत करने से पहले हाथों में जल लेकर पूजा का संकल्प करें.
मंदिर में ना रखें खंडित मूर्ति
सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको ध्यान रखने की जरुरत है. वह यह है की गलती से भी आप खंडित मूर्ती की पूजा न करें. पुरानी मूर्ति की जगह आप नई मूर्ति ही स्थापित करें. श्रीराम की मूर्ति नहीं है तो आप 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) के शुभ मौके पर नई मूर्ति खरीद कर घर लाएं. शुभ मुहूर्त में ही मूर्ति को मंदिर में स्थापित करें. इसके लिए अभिजीत मुहूर्त सही और बेहद शुभ होता है.
आपको बता दें कि इसी समय अयोध्या में राम मंदिर में श्री राम भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होगी. मूर्ति का जलाभिषेक भी अवश्य करें. पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद ही पूजा की शुरुआत विधि और नियमानुसार शुरुआत करें. घी का दीपक नियमित जलाएं. पूजा की थाली में दीपक रखकर भगवान के सामने रखें. इस दौरान आप पूर्व दिशा में अपना मुख करके ही पूजा करें.